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Sura 16
Aya 33
33
هَل يَنظُرونَ إِلّا أَن تَأتِيَهُمُ المَلائِكَةُ أَو يَأتِيَ أَمرُ رَبِّكَ ۚ كَذٰلِكَ فَعَلَ الَّذينَ مِن قَبلِهِم ۚ وَما ظَلَمَهُمُ اللَّهُ وَلٰكِن كانوا أَنفُسَهُم يَظلِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) क्या ये (अहले मक्का) इसी बात के मुन्तिज़र है कि उनके पास फरिश्ते (क़ब्ज़े रुह को) आ ही जाएँ या (उनके हलाक करने को) तुम्हारे परवरदिगार का अज़ाब ही आ पहुँचे जो लोग उनसे पहले हो गुज़रे हैं वह ऐसी बातें कर चुके हैं और ख़ुदा ने उन पर (ज़रा भी) जुल्म नहीं किया बल्कि वह लोग ख़ुद कुफ़्र की वजह से अपने ऊपर आप जुल्म करते रहे