21أَمواتٌ غَيرُ أَحياءٍ ۖ وَما يَشعُرونَ أَيّانَ يُبعَثونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(बल्कि) वह ख़ुद दूसरों के बनाए हुए मुर्दे बेजान हैं और इतनी भी ख़बर नहीं कि कब (क़यामत) होगी और कब मुर्दे उठाए जाएगें