17أَفَمَن يَخلُقُ كَمَن لا يَخلُقُ ۗ أَفَلا تَذَكَّرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीताकि तुम (अपनी अपनी मंज़िले मक़सूद तक पहुँचों (उसके अलावा रास्तों में) और बहुत सी निशानियाँ (पैदा की हैं) और बहुत से लोग सितारे से भी राह मालूम करते हैं