11يُنبِتُ لَكُم بِهِ الزَّرعَ وَالزَّيتونَ وَالنَّخيلَ وَالأَعنابَ وَمِن كُلِّ الثَّمَراتِ ۗ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآيَةً لِقَومٍ يَتَفَكَّرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजिनमें तुम (अपने मवेशियों को) चराते हो इसी पानी से तुम्हारे वास्ते खेती और जैतून और खुरमें और अंगूर उगाता है और हर तरह के फल (पैदा करता है) इसमें शक़ नहीं कि इसमें ग़ौर करने वालो के वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) बहुत बड़ी निशानी है