97وَلَقَد نَعلَمُ أَنَّكَ يَضيقُ صَدرُكَ بِما يَقولونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम जानते है कि वे जो कुछ कहते है, उससे तुम्हारा दिल तंग होता है