68قالَ إِنَّ هٰؤُلاءِ ضَيفي فَلا تَفضَحونِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "ये मेरे अतिथि है। मेरी फ़ज़ीहत मत करना,