65فَأَسرِ بِأَهلِكَ بِقِطعٍ مِنَ اللَّيلِ وَاتَّبِع أَدبارَهُم وَلا يَلتَفِت مِنكُم أَحَدٌ وَامضوا حَيثُ تُؤمَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतएव अब तुम अपने घरवालों को लेकर रात्रि के किसी हिस्से में निकल जाओ, और स्वयं उन सबके पीछे-पीछे चलो। और तुममें से कोई भी पीछे मुड़कर न देखे। बस चले जाओ, जिधर का तुम्हे आदेश है।"