57قالَ فَما خَطبُكُم أَيُّهَا المُرسَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(फिर) इबराहीम ने कहा ऐ (ख़ुदा के) भेजे हुए (फरिश्तों) तुम्हें आख़िर क्या मुहिम दर पेश है