43وَإِنَّ جَهَنَّمَ لَمَوعِدُهُم أَجمَعينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हाँ ये भी याद रहे कि उन सब के वास्ते (आख़िरी) वायदा बस जहन्न ुम है जिसके सात दरवाजे होगे