29فَإِذا سَوَّيتُهُ وَنَفَختُ فيهِ مِن روحي فَقَعوا لَهُ ساجِدينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो जिस वक्त मै उसको हर तरह से दुरुस्त कर चुके और उसमें अपनी (तरफ से) रुह फूँक दूँ तो सब के सब उसके सामने सजदे में गिर पड़ना