26وَلَقَد خَلَقنَا الإِنسانَ مِن صَلصالٍ مِن حَمَإٍ مَسنونٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर बेशक हम ही ने आदमी को ख़मीर (गुंधी) दी हुईसड़ी मिट्टी से जो (सूखकर) खन खन बोलने लगे पैदा किया