19وَالأَرضَ مَدَدناها وَأَلقَينا فيها رَواسِيَ وَأَنبَتنا فيها مِن كُلِّ شَيءٍ مَوزونٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ज़मीन को (भी अपने मख़लूक़ात के रहने सहने को) हम ही ने फैलाया और इसमें (कील की तरह) पहाड़ो के लंगर डाल दिए और हमने उसमें हर किस्म की मुनासिब चीज़े उगाई