45وَسَكَنتُم في مَساكِنِ الَّذينَ ظَلَموا أَنفُسَهُم وَتَبَيَّنَ لَكُم كَيفَ فَعَلنا بِهِم وَضَرَبنا لَكُمُ الأَمثالَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम लोगों की बस्तियों में रह-बस चुके थे, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार किया था और तुमपर अच्छी तरह स्पष्ट हो चुका था कि उनके साथ हमने कैसा मामला किया और हमने तुम्हारे लिए कितनी ही मिशालें बयान की थी।"