39الحَمدُ لِلَّهِ الَّذي وَهَبَ لي عَلَى الكِبَرِ إِسماعيلَ وَإِسحاقَ ۚ إِنَّ رَبّي لَسَميعُ الدُّعاءِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदसारी प्रशंसा है उस अल्लाह की जिसने बुढ़ापे के होते हुए भी मुझे इसमाईल और इसहाक़ दिए। निस्संदेह मेरा रब प्रार्थना अवश्य सुनता है