36رَبِّ إِنَّهُنَّ أَضلَلنَ كَثيرًا مِنَ النّاسِ ۖ فَمَن تَبِعَني فَإِنَّهُ مِنّي ۖ وَمَن عَصاني فَإِنَّكَ غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमेरे रब! इन्होंने (इन मूर्तियों नॆ) बहुत से लोगों को पथभ्रष्ट किया है। अतः जिस किसी ने मॆरा अनुसरण किया वह मेरा है और जिस ने मेरी अवज्ञा की तो निश्चय ही तू बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है