34وَآتاكُم مِن كُلِّ ما سَأَلتُموهُ ۚ وَإِن تَعُدّوا نِعمَتَ اللَّهِ لا تُحصوها ۗ إِنَّ الإِنسانَ لَظَلومٌ كَفّارٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर हर उस चीज़ में से तुम्हें दिया जो तुमने उससे माँगा यदि तुम अल्लाह की नेमतों की गणना नहीं कर सकते। वास्तव में मनुष्य ही बड़ा ही अन्यायी, कृतघ्न है