23وَأُدخِلَ الَّذينَ آمَنوا وَعَمِلُوا الصّالِحاتِ جَنّاتٍ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ خالِدينَ فيها بِإِذنِ رَبِّهِم ۖ تَحِيَّتُهُم فيها سَلامٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइसके विपरीत जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए वे ऐसे बाग़ों में प्रवेश करेंगे जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। उनमें वे अपने रब की अनुमति से सदैव रहेंगे। वहाँ उनका अभिवादन 'सलाम' से होगा