37وَكَذٰلِكَ أَنزَلناهُ حُكمًا عَرَبِيًّا ۚ وَلَئِنِ اتَّبَعتَ أَهواءَهُم بَعدَما جاءَكَ مِنَ العِلمِ ما لَكَ مِنَ اللَّهِ مِن وَلِيٍّ وَلا واقٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर इसी प्रकार हमने इस (क़ुरआन) को एक अरबी फ़रमान के रूप में उतारा है। अब यदि तुम उस ज्ञान के पश्चात भी, जो तुम्हारे पास आ चुका है, उनकी इच्छाओं के पीछे चले तो अल्लाह के मुक़ाबले में न तो तुम्हारा कोई सहायक मित्र होगा और न कोई बचानेवाला