34لَهُم عَذابٌ فِي الحَياةِ الدُّنيا ۖ وَلَعَذابُ الآخِرَةِ أَشَقُّ ۖ وَما لَهُم مِنَ اللَّهِ مِن واقٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइन लोगों के वास्ते दुनियावी ज़िन्दगी में (भी) अज़ाब है और आख़िरत का अज़ाब तो यक़ीनी और बहुत सख्त खुलने वाला है (और) (फिर) ख़ुदा (के ग़ज़ब) से उनको कोई बचाने वाला (भी) नहीं