26اللَّهُ يَبسُطُ الرِّزقَ لِمَن يَشاءُ وَيَقدِرُ ۚ وَفَرِحوا بِالحَياةِ الدُّنيا وَمَا الحَياةُ الدُّنيا فِي الآخِرَةِ إِلّا مَتاعٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह जिसको चाहता है प्रचुर फैली हुई रोज़ी प्रदान करता है औऱ इसी प्रकार नपी-तुली भी। और वे सांसारिक जीवन में मग्न हैं, हालाँकि सांसारिक जीवन आख़िरत के मुक़ाबले में तो बस अल्प सुख-सामग्री है