88فَلَمّا دَخَلوا عَلَيهِ قالوا يا أَيُّهَا العَزيزُ مَسَّنا وَأَهلَنَا الضُّرُّ وَجِئنا بِبِضاعَةٍ مُزجاةٍ فَأَوفِ لَنَا الكَيلَ وَتَصَدَّق عَلَينا ۖ إِنَّ اللَّهَ يَجزِي المُتَصَدِّقينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर जब वे उसके पास उपस्थित हुए तो कहा, "ऐ अज़ीज़! हमें और हमारे घरवालों को बहुत तकलीफ़ पहुँची हैं और हम कुछ तुच्छ-सी पूँजी लेकर आए है, किन्तु आप हमें पूरी-पूरी माप प्रदान करें। और हमें दान दें। निश्चय ही दान करनेवालों को बदला अल्लाह देता है।"