62وَقالَ لِفِتيانِهِ اجعَلوا بِضاعَتَهُم في رِحالِهِم لَعَلَّهُم يَعرِفونَها إِذَا انقَلَبوا إِلىٰ أَهلِهِم لَعَلَّهُم يَرجِعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने अपने सेवकों से कहा, "इनका दिया हुआ माल इनके सामान में रख दो कि जब ये अपने घरवालों की ओर लौटें तो इसे पहचान लें, ताकि ये फिर लौटकर आएँ।"