56وَكَذٰلِكَ مَكَّنّا لِيوسُفَ فِي الأَرضِ يَتَبَوَّأُ مِنها حَيثُ يَشاءُ ۚ نُصيبُ بِرَحمَتِنا مَن نَشاءُ ۖ وَلا نُضيعُ أَجرَ المُحسِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइस प्रकार हमने यूसुफ़ को उस भू-भाग में अधिकार प्रदान किया कि वह उसमें जहाँ चाहे अपनी जगह बनाए। हम जिसे चाहते हैं उसे अपनी दया का पात्र बनाते है। उत्तमकारों का बदला हम अकारथ नहीं जाने देते