53۞ وَما أُبَرِّئُ نَفسي ۚ إِنَّ النَّفسَ لَأَمّارَةٌ بِالسّوءِ إِلّا ما رَحِمَ رَبّي ۚ إِنَّ رَبّي غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमैं यह नहीं कहता कि मैं बुरी हूँ - जी तो बुराई पर उभारता ही है - यदि मेरा रब ही दया करे तो बात और है। निश्चय ही मेरा रब बहुत क्षमाशील, दयावान है।"