उसने कहा, "तुम स्त्रियों का क्या हाल था, जब तुमने यूसुफ़ को रिझाने की चेष्टा की थी?" उन्होंने कहा, "पाक है अल्लाह! हम उसमें कोई बुराई नहीं जानते है।" अज़ीज़ की स्त्री बोल उठी, "अब तो सत्य प्रकट हो गया है। मैंने ही उसे रिझाना चाहा था। वह तो बिलकुल सच्चा है।"