23وَراوَدَتهُ الَّتي هُوَ في بَيتِها عَن نَفسِهِ وَغَلَّقَتِ الأَبوابَ وَقالَت هَيتَ لَكَ ۚ قالَ مَعاذَ اللَّهِ ۖ إِنَّهُ رَبّي أَحسَنَ مَثوايَ ۖ إِنَّهُ لا يُفلِحُ الظّالِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस स्त्री के घर में वह रहता था, वह उस पर डोरे डालने लगी। उसने दरवाज़े बन्द कर दिए और कहने लगी, "लो, आ जाओ!" उसने कहा, "अल्लाह की पनाह! मेरे रब ने मुझे अच्छा स्थान दिया है। अत्याचारी कभी सफल नहीं होते।"