3فَسَبِّح بِحَمدِ رَبِّكَ وَاستَغفِرهُ ۚ إِنَّهُ كانَ تَوّابًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतो अपने रब की प्रशंसा करो और उससे क्षमा चाहो। निस्संदेह वह बड़ा तौबा क़बूल करनेवाला है