8وَلَئِن أَخَّرنا عَنهُمُ العَذابَ إِلىٰ أُمَّةٍ مَعدودَةٍ لَيَقولُنَّ ما يَحبِسُهُ ۗ أَلا يَومَ يَأتيهِم لَيسَ مَصروفًا عَنهُم وَحاقَ بِهِم ما كانوا بِهِ يَستَهزِئونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि हम एक निश्चित अवधि तक के लिए उनसे यातना को टाले रखें, तो वे कहने लगेंगे, "आख़िर किस चीज़ ने उसे रोक रखा है?" सुन लो! जिन दिन वह उनपर आ जाएगी तो फिर वह उनपर से टाली नहीं जाएगी। और वही चीज़ उन्हें घेर लेगी जिसका वे उपहास करते है