5أَلا إِنَّهُم يَثنونَ صُدورَهُم لِيَستَخفوا مِنهُ ۚ أَلا حينَ يَستَغشونَ ثِيابَهُم يَعلَمُ ما يُسِرّونَ وَما يُعلِنونَ ۚ إِنَّهُ عَليمٌ بِذاتِ الصُّدورِफ़ारूक़ ख़ान & अहमददेखो! ये अपने सीनों को मोड़ते है, चाहिए कि उससे छिपें। देखों! जब ये अपने कपड़ों से स्वयं को ढाँकते है, वह जानता है जो कुछ वे छिपाते है और जो कुछ वे प्रकट करते है। निस्संदेह वह सीनों तक की बात को जानता है