47قالَ رَبِّ إِنّي أَعوذُ بِكَ أَن أَسأَلَكَ ما لَيسَ لي بِهِ عِلمٌ ۖ وَإِلّا تَغفِر لي وَتَرحَمني أَكُن مِنَ الخاسِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "मेरे रब! मैं इससे तेरी पनाह माँगता हूँ कि तुझसे उस चीज़ का सवाल करूँ जिसका मुझे कोई ज्ञान न हो। अब यदि तूने मुझे क्षमा न किया और मुझपर दया न की, तो मैं घाटे में पड़कर रहूँगा।"