38وَيَصنَعُ الفُلكَ وَكُلَّما مَرَّ عَلَيهِ مَلَأٌ مِن قَومِهِ سَخِروا مِنهُ ۚ قالَ إِن تَسخَروا مِنّا فَإِنّا نَسخَرُ مِنكُم كَما تَسخَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजब नाव बनाने लगता है। उसकी क़ौम के सरदार जब भी उसके पास से गुज़रते तो उसका उपहास करते। उसने कहा, "यदि तुम हमारा उपहास करते हो तो हम भी तुम्हारा उपहास करेंगे, जैसे तुम हमारा उपहास करते हो