28قالَ يا قَومِ أَرَأَيتُم إِن كُنتُ عَلىٰ بَيِّنَةٍ مِن رَبّي وَآتاني رَحمَةً مِن عِندِهِ فَعُمِّيَت عَلَيكُم أَنُلزِمُكُموها وَأَنتُم لَها كارِهونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! तुम्हारा क्या विचार है? यदि मैं अपने रब के एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपने पास से दयालुता भी प्रदान की है, फिर वह तुम्हें न सूझे तो क्या हम हठात उसे तुमपर चिपका दें, जबकि वह तुम्हें अप्रिय है?