أُولٰئِكَ لَم يَكونوا مُعجِزينَ فِي الأَرضِ وَما كانَ لَهُم مِن دونِ اللَّهِ مِن أَولِياءَ ۘ يُضاعَفُ لَهُمُ العَذابُ ۚ ما كانوا يَستَطيعونَ السَّمعَ وَما كانوا يُبصِرونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वे धरती में क़ाबू से बाहर नहीं जा सकते और न अल्लाह से हटकर उनका कोई समर्थक ही है। उन्हें दोहरी यातना दी जाएगी। वे न सुन ही सकते थे और न देख ही सकते थे