114وَأَقِمِ الصَّلاةَ طَرَفَيِ النَّهارِ وَزُلَفًا مِنَ اللَّيلِ ۚ إِنَّ الحَسَناتِ يُذهِبنَ السَّيِّئَاتِ ۚ ذٰلِكَ ذِكرىٰ لِلذّاكِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर नमाज़ क़ायम करो दिन के दोनों सिरों पर और रात के कुछ हिस्से में। निस्संदेह नेकियाँ बुराइयों को दूर कर देती है। यह याद रखनेवालों के लिए एक अनुस्मरण है