110وَلَقَد آتَينا موسَى الكِتابَ فَاختُلِفَ فيهِ ۚ وَلَولا كَلِمَةٌ سَبَقَت مِن رَبِّكَ لَقُضِيَ بَينَهُم ۚ وَإِنَّهُم لَفي شَكٍّ مِنهُ مُريبٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम मूसा को भी किताब दे चुके है। फिर उसमें भी विभेद किया गया था। यदि तुम्हारे रब की ओर से एक बात पहले ही निश्चित न कर दी गई होती तो उनके बीच कभी का फ़ैसला कर दिया गया होता। ये उसकी ओर से असमंजस में डाल देनेवाले संदेह में पड़े हुए है