107خالِدينَ فيها ما دامَتِ السَّماواتُ وَالأَرضُ إِلّا ما شاءَ رَبُّكَ ۚ إِنَّ رَبَّكَ فَعّالٌ لِما يُريدُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवहाँ वे सदैव रहेंगे, जब तक आकाश और धरती स्थिर रहें, बात यह है कि तुम्हारे रब की इच्छा ही चलेगी। तुम्हारा रब जो चाहे करे