102وَكَذٰلِكَ أَخذُ رَبِّكَ إِذا أَخَذَ القُرىٰ وَهِيَ ظالِمَةٌ ۚ إِنَّ أَخذَهُ أَليمٌ شَديدٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतेरे रब की पकड़ ऐसी ही होती है, जब वह किसी ज़ालिम बस्ती को पकड़ता है। निस्संदेह उसकी पकड़ बड़ी दुखद, अत्यन्त कठोर होती है