10وَلَئِن أَذَقناهُ نَعماءَ بَعدَ ضَرّاءَ مَسَّتهُ لَيَقولَنَّ ذَهَبَ السَّيِّئَاتُ عَنّي ۚ إِنَّهُ لَفَرِحٌ فَخورٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि हम इसके पश्चात कि उसे तकलीफ़ पहुँची हो, उसे नेमत का रसास्वादन कराते है तो वह कहने लगता है, "मेरे तो सारे दुख दूर हो गए।" वह तो फूला नहीं समाता, डींगे मारने लगता है