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Sura 103
Aya 3
3
إِلَّا الَّذينَ آمَنوا وَعَمِلُوا الصّالِحاتِ وَتَواصَوا بِالحَقِّ وَتَواصَوا بِالصَّبرِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

मगर जो लोग ईमान लाए, और अच्छे काम करते रहे और आपस में हक़ का हुक्म और सब्र की वसीयत करते रहे