5كَلّا لَو تَعلَمونَ عِلمَ اليَقينِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीदेखो अगर तुमको यक़ीनी तौर पर मालूम होता (तो हरगिज़ ग़ाफिल न होते)