98فَلَولا كانَت قَريَةٌ آمَنَت فَنَفَعَها إيمانُها إِلّا قَومَ يونُسَ لَمّا آمَنوا كَشَفنا عَنهُم عَذابَ الخِزيِ فِي الحَياةِ الدُّنيا وَمَتَّعناهُم إِلىٰ حينٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकोई बस्ती ऐसी क्यों न हुई कि ईमान क़ुबूल करती तो उसको उसका ईमान फायदे मन्द होता हाँ यूनूस की क़ौम जब (अज़ाब देख कर) ईमान लाई तो हमने दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी में उनसे रुसवाई का अज़ाब दफा कर दिया और हमने उन्हें एक ख़ास वक्त तक चैन करने दिया