96إِنَّ الَّذينَ حَقَّت عَلَيهِم كَلِمَتُ رَبِّكَ لا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) इसमें शक़ नहीं कि जिन लोगों के बारे में तुम्हारे परवरदिगार को बातें पूरी उतर चुकी हैं (कि ये मुस्तहके अज़ाब हैं)