96إِنَّ الَّذينَ حَقَّت عَلَيهِم كَلِمَتُ رَبِّكَ لا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनिस्संदेह जिन लोगों के विषय में तुम्हारे रब की बात सच्ची होकर रही वे ईमान नहीं लाएँगे,