92فَاليَومَ نُنَجّيكَ بِبَدَنِكَ لِتَكونَ لِمَن خَلفَكَ آيَةً ۚ وَإِنَّ كَثيرًا مِنَ النّاسِ عَن آياتِنا لَغافِلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"अतः आज हम तेरे शरीर को बचा लेगें, ताकि तू अपने बादवालों के लिए एक निशानी हो जाए। निश्चय ही, बहुत-से लोग हमारी निशानियों के प्रति असावधान ही रहते है।"