89قالَ قَد أُجيبَت دَعوَتُكُما فَاستَقيما وَلا تَتَّبِعانِّ سَبيلَ الَّذينَ لا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहा, "तुम दोनों की प्रार्थना स्वीकृत हो चुकी। अतः तुम दोनों जमें रहो और उन लोगों के मार्ग पर कदापि न चलना, जो जानते नहीं।"