83فَما آمَنَ لِموسىٰ إِلّا ذُرِّيَّةٌ مِن قَومِهِ عَلىٰ خَوفٍ مِن فِرعَونَ وَمَلَئِهِم أَن يَفتِنَهُم ۚ وَإِنَّ فِرعَونَ لَعالٍ فِي الأَرضِ وَإِنَّهُ لَمِنَ المُسرِفينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर मूसा की बात उसकी क़ौम की संतति में से बस कुछ ही लोगों ने मानी; फ़िरऔन और उनके सरदारों के भय से कि कहीं उन्हें किसी फ़ितने में न डाल दें। फ़िरऔन था भी धरती में बहुत सिर उठाए हुए, औऱ निश्चय ही वह हद से आगे बढ़ गया था