67هُوَ الَّذي جَعَلَ لَكُمُ اللَّيلَ لِتَسكُنوا فيهِ وَالنَّهارَ مُبصِرًا ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِقَومٍ يَسمَعونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीवह वही (खुदाए क़ादिर तवाना) है जिसने तुम्हारे नफा के वास्ते रात को बनाया ताकि तुम इसमें चैन करो और दिन को (बनाया) कि उसकी रौशनी में देखो भालो उसमें शक़ नहीं जो लोग सुन लेते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत की बहुतेरी निशानियाँ हैं)