6إِنَّ فِي اختِلافِ اللَّيلِ وَالنَّهارِ وَما خَلَقَ اللَّهُ فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ لَآياتٍ لِقَومٍ يَتَّقونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइसमें ज़रा भी शक़ नहीं कि रात दिन के उलट फेर में और जो कुछ ख़ुदा ने आसमानों और ज़मीन में बनाया है (उसमें) परहेज़गारों के वास्ते बहुतेरी निशानियाँ हैं