59قُل أَرَأَيتُم ما أَنزَلَ اللَّهُ لَكُم مِن رِزقٍ فَجَعَلتُم مِنهُ حَرامًا وَحَلالًا قُل آللَّهُ أَذِنَ لَكُم ۖ أَم عَلَى اللَّهِ تَفتَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकह दो, "क्या तुम लोगों ने यह भी देखा कि जो रोज़ी अल्लाह ने तुम्हारे लिए उतारी है उसमें से तुमने स्वयं ही कुछ को हराम और हलाल ठहरा लिया?" कहो, "क्या अल्लाह ने तुम्हें इसकी अनुमति दी है या तुम अल्लाह पर झूठ घड़कर थोप रहे हो?"