53۞ وَيَستَنبِئونَكَ أَحَقٌّ هُوَ ۖ قُل إي وَرَبّي إِنَّهُ لَحَقٌّ ۖ وَما أَنتُم بِمُعجِزينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम से लोग पूछतें हैं कि क्या (जो कुछ तुम कहते हो) वह सब ठीक है तुम कह दो (हाँ) अपने परवरदिगार की कसम ठीक है और तुम (ख़ुदा को) हरा नहीं सकते